कविता

कुछ तो जबाब दो

जब बस्तियों में आग
सुलग रही थी तो तुम
क्या सोच कर प्रेम- कविताएं
लिख रहे थे।
जब हवाएं गर्म लू लेकर
बह रही थीं तो
तुम क्या सोच कर
दुआ दुआ बांच रहे थे ।
क्या तुम्हारे दुआ-दुआ
बांटने से
ये लू भरी हवाएं
एकदम शीतल हो जाएंगी
या सुलगती बस्तियां
तुम्हारी प्रेम-कविताओं से
फिर ठंडी हो जाएगीं ।
तुम्हारे तगमे
लौटा देने से
बच्चों के टूटे खिलौने
फिर वापस मिल जाएंगे ।
तुम वक्त के खिलाफ
साजिश कर रहे हो
या वक्त की साजिश में शामिल हो ।
मेरे प्रिय कवि
कुछ तो जवाब दो
वरना तुम्हारे शब्द
कहीं तुम्हारे खिलाफ ही
गवाही न दे दें ।
और तुम फिर अपने पक्ष में
कोई दलील न दे पाओ
तुम सच में किस ओर खड़े हो
कुछ तो जवाब दो ।।

अशोक दर्द

जन्म –तिथि - 23- 04 – 1966 माता- श्रीमती रोशनी पिता --- श्री भगत राम पत्नी –श्रीमती आशा [गृहिणी ] संतान -- पुत्री डा. शबनम ठाकुर ,पुत्र इंजि. शुभम ठाकुर शिक्षा – शास्त्री , प्रभाकर ,जे बी टी ,एम ए [हिंदी ] बी एड भाषा ज्ञान --- हिंदी ,अंग्रेजी ,संस्कृत व्यवसाय – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी अध्यापक जन्म-स्थान-गावं घट्ट (टप्पर) डा. शेरपुर ,तहसील डलहौज़ी जिला चम्बा (हि.प्र ] लेखन विधाएं –कविता , कहानी , व लघुकथा प्रकाशित कृतियाँ – अंजुरी भर शब्द [कविता संग्रह ] व लगभग बीस राष्ट्रिय काव्य संग्रहों में कविता लेखन | सम्पादन --- मेरे पहाड़ में [कविता संग्रह ] विद्यालय की पत्रिका बुरांस में सम्पादन सहयोग | प्रसारण ----दूरदर्शन शिमला व आकाशवाणी शिमला व धर्मशाला से रचना प्रसारण | सम्मान----- हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत , हिमाचल प्रदेश सिमौर कला संगम द्वारा लोक साहित्य के लिए आचार्य विशिष्ठ पुरस्कार २०१४ , सामाजिक आक्रोश द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में देशभक्ति लघुकथा को द्वितीय पुरस्कार | इनके आलावा कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित | अन्य ---इरावती साहित्य एवं कला मंच बनीखेत का अध्यक्ष [मंच के द्वारा कई अन्तर्राज्यीय सम्मेलनों का आयोजन | सम्प्रति पता –अशोक ‘दर्द’ प्रवास कुटीर,गावं व डाकघर-बनीखेत तह. डलहौज़ी जि. चम्बा स्थायी पता ----गाँव घट्ट डाकघर बनीखेत जिला चंबा [हिमाचल प्रदेश ] मो .09418248262 , ई मेल --- [email protected]