पाकिस्तान में भूख और बेरोजगारी
नवरात्रा में पाकिस्तान को भेदती माँ दुर्गा ! अभी जो पाकिस्तान है, वह भी भारतवर्ष है । 14 अगस्त 1947 को तुनकमिज़ाज़ी ज़िन्ना ने जिस देश का गवर्नर जनेरली संभाला । उसके तरह आज तक कोई भी पाकिस्तान की सत्ता में दीर्घ नियति लिए टिक नहीं सका और जो टिका, वे पाकिस्तान के हित में हमेशा खतरा ही रहा, क्योंकि पाकिस्तान के आकाओं ने हमेशा ही भूख व गरीबी को मुद्दा न बनाकर उसे दोयम दर्जे का बना दिया।
पाकिस्तान की जनता भूख और बेरोज़गारी से लस्ट रहा है , भारत उसे बैठाकर खिला सकता है, इसलिए पाकिस्तान का भारत में विलय हो जाना चाहिए । सम्राट अशोक काल में भारत का हिस्सा वर्तमान अफगानिस्तान तक था । तिब्बत भी बौद्धिज्म के कारण भारत में ही था। श्री लंका, नेपाल, भूटान आदि भारत में ही था।
पाकिस्तान को यह चीज सोचने चाहिए । भारत पहल नहीं करता, किन्तु युद्ध से घबराता भी नहीं । क्यों न कोई ‘बुद्धम् शरणम् गच्छामि’ अपनाकर भारत की शरण आये ? बड़बोलेपन पाकिस्तान को दंड तो मिलने ही चाहिए, क्योंकि विद्वेष की खबर से कोई विद्यार्थी पढ़ नहीं पाते थे ! दिन-रात इसी में फीडबैक करते हैं । परंतु भारत माता की जय कहकर सभी भारतीय राष्ट्रवाद की बड़ी सेवा कर रहे हैं ।