सामाजिक

सितारों के आगे जहाँ और भी है

बॉलीवुड और विवादों का एक मजबूत रिश्ता है। चाहे बात कास्टिंग काउच, पतनशीलता, भाई-भतीजावाद, पूर्वाग्रह या उच्च और पराक्रमी के संबंधों के बारे में हो, बॉलीवुड ने निश्चित रूप से वैश्विक मीडिया में लंबे समय तक केंद्र के मंच पर कब्जा कर लिया है। अब, एक बार फिर, मनोरंजन उद्योग खुद को नशीली दवाओं की लत और डिबेंचरी सरफेसिंग के आरोपों के साथ वैश्विक टकटकी में पाता है। अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा ड्रग्स में बॉलीवुड की भागीदारी के बारे में दावे किए जाने के बाद इस बार विवाद बढ़ गया।

अभिनेत्री ने हाल ही में अपने ट्विटर अकाउंट पर  कहा कि बॉलीवुड में 90% नशा करने वाले हैं। इसी ट्वीट में, कंगना ने कोकीन एडिक्ट होने के नाते इंडस्ट्री में कुछ बड़े नामों का भी खुलासा किया। अभिनेत्री ने यह भी दावा किया कि ड्रग्स की बात होने पर पुलिस और राजनेता भी भागीदार होते हैं। एनसीबी  बॉलीवुड में इसके खरीदारों, ड्रग पहुंचाने वालों और सप्लायर्स के साथ उन लोगों का पता लगा रही है जो इस धंधे को चला रहे हैं। इसकी उभरती हुई तस्वीर यह है कि बॉलीवुड के कई पूर्व और मौजूदा एक्टर्स  एजेंसी के रडार पर आ चुके हैं।

बॉलीवुड और ड्रग का कनेक्शन काफी पुराना है. कई सितारे इसके लती होकर बर्बाद हो गए, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने इसके मायाजाल से खुद को मुक्त कर लिया. फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे एक्टर संजय दत्त को कभी बॉलीवुड के ड्रग किंग कहा जाता था. ड्रग्स और शराब के सेवन ने उनको भीतर से खोखला कर दिया था. अमेरिका में जब उनका इलाज हो रहा था तो डॉक्टर्स ने उन्हें विभिन्न प्रकार के ड्रग्स की एक लिस्ट थमाई थी ताकि वो बताएं कि उसमे से उन्होंने किस किस का सेवन किया है.

डॉक्टर्स यह देख कर हैरान थे कि संजय ने सभी पर निशाँ लगा दिए यानी उन्होंने उस लिस्ट में मौजूद हर ड्रग का सेवन किया था. आखिर तब ये ड्रग्स उन तक कैसे पहुँचती थीं?  हालांकि अमेरिका में इलाज के बाद संजय ने शानदार वापसी की और जबरदस्त बॉडी भी बनाई और उन्हें एहसास हो गया कि जिंदगी से बड़ा नशा कोई नहीं है. लेकिन आज वह फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे हैं .

रैपर और सिंगर यो यो हनी सिंह संगीत की दुनिया में इतने हिट हुए कि सफलता सर चढ़कर बोलने लगी और इसकी मस्ती में वे ड्रग्स और शराब के एडिक्ट हो गए. इसके बाद से ही हनी सिंह के गाने आने बंद हो गए थे और वे रिहैब सेंटर भी गए. लम्बे समय तक अपने चाहने वालों से दूर रहने के बाद हालांकि हनी सिंह ड्रग्स से जंग जीतकर वापसी कर चुके हैं और अपने म्यूजिक करियर पर ध्यान दे रहे हैं.

आज का बॉलीवुड वैसे भी देशभक्ति  और सामाजिक मुद्दों को छोड़कर पूरी तरह नंगा हो चुका है एकाद फिल्मों को छोड़कर बाकी फिल्मे हम परिवार के साथ नहीं देख सकते. बच्चों की मानसिकता पर नंगापन, नशा और मर्डर जैसे सीन हावी हो रहें है जिनका उनकी असल जिंदगी पर असर हो रहा है. यही कारण है कि आज हमारा समाज पूरी तरह फ़िल्मी हो चुका है. हम जीवन मूल्यों की कदर करना भूल गए है क्योंकि हमें परोसी ही गंदगी जा रही है.

मीडिया और मनोरंजन उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि बॉलीवुड को कभी भी नैतिक रूप से उच्च भूमि के रूप में नहीं देखा गया है, हाल की घटनाओं ने उद्योग के साथ भारतीय मध्यम वर्ग के मोहभंग को स्वीकार किया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन ब्रांड्स के एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि 18-30 साल की उम्र में 82% युवाओं ने कहा कि एक सेलिब्रिटी द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग ने उन्हें ‘अविश्वसनीय’ बना दिया है, और वे इस तरह के एक सेलिब्रिटी द्वारा समर्थित ब्रांड नहीं खरीदेंगे। युवा देश की संपत्ति है और नशीले पदार्थों के सेवन के प्रति सबसे संवेदनशील वर्ग यही है। इसलिये, सख्त बहुआयामी रणनीति अपनाकार इस खतरे को रोकने का प्रयास करना चाहिए।

निसंदेह इस प्रकरण ने बॉलीवुड का काला सच सामने लाने का प्रयास किया है. भाई-भतीजावाद, खानदानी रुतबा,काले पैसे,कास्टिंग काउच, शारीरिक शोषण जैसे कारनामे बॉलीवुड की देन है. जिस दुनिया में कदम रखने के लिए आज के युवा सब कुछ करने को तैयार है, उसकी काली सच्चाई सब को दहला रही है.

बॉलीवुड सितारों का युवा पीढ़ी और बच्चों  पर सीधा असर पड़ता है.  इनकी नशे बाजी भी इन पर असर छोड़ती है. बॉलीवुड में  ड्रग्स का चलन आम है और कास्टिंग काउच जरूरत. इन सब को जानकर अब युवा पीढ़ी को अपना मन जरूर बदल लेना चाहिए. तलाश करनी चाहिए एक साफ़-सुथरे क्षेत्र में सुनहरे भविष्य की जहाँ वो समाज के लिए कुछ अच्छा कर सके. सितारों के आगे जहाँ और भी है. उस संसार में क्या पता हमारा और आने वाली पीढ़ियों का भला हो.

 डॉ. सत्यवान सौरभ

डॉ. सत्यवान सौरभ

✍ सत्यवान सौरभ, जन्म वर्ष- 1989 सम्प्रति: वेटरनरी इंस्पेक्टर, हरियाणा सरकार ईमेल: [email protected] सम्पर्क: परी वाटिका, कौशल्या भवन , बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045 मोबाइल :9466526148,01255281381 *अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों भाषाओँ में समान्तर लेखन....जन्म वर्ष- 1989 प्रकाशित पुस्तकें: यादें 2005 काव्य संग्रह ( मात्र 16 साल की उम्र में कक्षा 11th में पढ़ते हुए लिखा ), तितली है खामोश दोहा संग्रह प्रकाशनाधीन प्रकाशन- देश-विदेश की एक हज़ार से ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशन ! प्रसारण: आकाशवाणी हिसार, रोहतक एवं कुरुक्षेत्र से , दूरदर्शन हिसार, चंडीगढ़ एवं जनता टीवी हरियाणा से समय-समय पर संपादन: प्रयास पाक्षिक सम्मान/ अवार्ड: 1 सर्वश्रेष्ठ निबंध लेखन पुरस्कार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी 2004 2 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड काव्य प्रतियोगिता प्रोत्साहन पुरस्कार 2005 3 अखिल भारतीय प्रजापति सभा पुरस्कार नागौर राजस्थान 2006 4 प्रेरणा पुरस्कार हिसार हरियाणा 2006 5 साहित्य साधक इलाहाबाद उत्तर प्रदेश 2007 6 राष्ट्र भाषा रत्न कप्तानगंज उत्तरप्रदेश 2008 7 अखिल भारतीय साहित्य परिषद पुरस्कार भिवानी हरियाणा 2015 8 आईपीएस मनुमुक्त मानव पुरस्कार 2019 9 इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ रिसर्च एंड रिव्यु में शोध आलेख प्रकाशित, डॉ कुसुम जैन ने सौरभ के लिखे ग्राम्य संस्कृति के आलेखों को बनाया आधार 2020 10 पिछले 20 सालों से सामाजिक कार्यों और जागरूकता से जुडी कई संस्थाओं और संगठनों में अलग-अलग पदों पर सेवा रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, (मो.) 9466526148 (वार्ता) (मो.) 7015375570 (वार्ता+वाट्स एप) 333,Pari Vatika, Kaushalya Bhawan, Barwa, Hisar-Bhiwani (Haryana)-127045 Contact- 9466526148, 01255281381 facebook - https://www.facebook.com/saty.verma333 twitter- https://twitter.com/SatyawanSaurabh