भाषा-साहित्य

भाषाई मानदंड और देशगान

भाषाई मानदंड के लिहाज से कभी-कभी यह संशय भी लगता है कि यह ठाकुर की रचना है या नहीं ! ‘भारत भाग्य विधाता’ का लेखन / प्रकाशन 1913 हो या उनसे पहले कभी भी — संशय-गाथा बरक़रार है ! यह रचना – लिखा समय ‘गुजरात’ नाम से कोई प्रांत नहीं था, फिर ‘मराठा’ राज्य नहीं, अपितु यह शिवाजी-समर्थित/समर्पित समुदाय था, जो कि मराठवाड़ा हो सकता है या बम्बई होता और ‘गुजरात + बम्बई’ मिलकर ‘सौराष्ट्र’ था । इसलिए रचना-काल का उक्त समय यथोचित नहीं जान पड़ता ! ‘उत्कल’ यानी उड़ीसा भी तब बंगाल में था, उड़ीसा 1936 में बिहार से अलग हुआ है , संयुक्त बिहार (उड़ीसा सहित) भी 1912 में बंगाल से अलग हुआ था । इसतरह से इस रचना में उत्कल का जिक्र होना संशय उत्पन्न करता है ! यदि जिक्र होना ही था , तो ‘बिहार’ का होता ! वैसे भी ‘उत्कल’ बांग्ला शब्द नहीं , संस्कृत शब्द के ज्यादा करीब हैं , अन्यथा रचना-काल गलत उद्धृत है । जिसतरह से ‘सिंध’ को ‘सिंधु’ किया गया है, उसीतरह से अन्य शब्द पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए । इसीतरह ‘द्रविड़’ शब्द से अश्वेत-संस्कृतिबोध लिए समुदाय है, क्योंकि उन दिनों ऐसी ही मंशा लिए प्रतिबद्धता थी । यह कैसी रचना है, प्रांतों के जिक्र होते-होते समुदाय में घुस गए कवि ! रचना का ऐसा विग्रह अज़ीब है ! रचना में ‘हिमाचल’ अगर हिमालय है, तो ‘जलधि’ व महासागर में Indian Ocean (हिन्द महासागर) का नाम का उल्लेख नहीं है । खैर, इसे मान भी ले तो रचना में ‘तव’ , ‘गाहे’, ‘जय हे’ जैसे- शब्द या शब्द-विन्यास हिंदी के नहीं हैं।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.