महज औरत नहीं, अनंतगाथा
नानीमाँ, दादीमाँ, बड़ी माँ, छोटी माँ, माँ-सी माँ, सगी माँ, मित्रो की माँ, प्रियजनों व परिजनों की माँ एवं भारत माँ को सादर नमन….
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“हे नारी !
मरद की लंबी उमर ख़ातिर तीज़ – करवा चौथ
पुत्तर की लंबी उमर ख़ातिर जिउतिया
भाई के रक्षा ख़ातिर रक्षाबंधन – भैयादूज़
पर तोहार ख़ातिर, कोऊ ना त्योहार
हे नारी !!”
इसे समझिये ! ….. अगर आपको ऐसी ही पसंद है, तो बहनों को ‘करवा चौथ’ की अनंत शुभकामनाएं !
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यह तो हम मर्दों की चापलूसीपना है कि ‘देवी’ भी कहते हैं और उन्हें भोगते भी हैं ! यही न ! तब तो आपमें पुरुषवादी सोच गृह है, निराला जी !