मेले में कुम्हार के बच्चे
मेले में कुम्हार के बच्चे….
जांता-चकरी,
सकोरे,
साधू-संन्यासी,
वकील,
मसकबाजेवाले,
बकरी-खिलौने….
बिके तो ‘जिलेबी’ खाएंगे,
दोनों भाई-बहन….
चाचा नेहरू ने
गुब्बारेवाले के
सभी गुब्बारे
खरीद लिए थे,
इनके कौन खरीदेंगे,
चीनी-जापानी गुड़िये के
इस जमाने में….
स्वदेशी-स्वदेशी कहकर
परदेशी बालम
हो जाती है !