जीवन क्या है
जीवन क्या है
यह हो जाए
वोह हो जाए
यह मिल जाएं
वो मिल जाएं
यह सब अभिलाषा ही तो जीवन है
उठ खड़ी नित्य एक अभिलाषा
जीवन को गति देती है
थक हार रात सो जाएं
फिर सुबह उठ
अभिलाषा पूर्ण करने में लग जाएं
कब सुबह हुई
कब रात हुई
इस अभिलाषा में
पता नहीं लग पाए
कभी पूर्ण तो
कभी अपूर्ण यह रह जाए
सफर जिंदगानी का
यूं ही चलता रहता है
कभी निराश होते
कभी खुश होते
दौड़ते रहते हैं
अभिलाषाओं के पीछे
जीवन का यही सत्य है
जीवन है एक अभिलाषा