गीत/नवगीत

गीत

परिवर्तन है नियम प्रकृति का
यूँ ही चलता रहता है
नये रंग में नये रूप में
जीवन ढ़लता रहता है।
दुख जीवन में आया है तो
सुख भी निश्चित आएगा
कब रहता है सदा एक सा
वक्त बदलता रहता है।।

कौन यहाँ पर ऐसा है जो
विधि विधान से बाध्य नही
लेकिन यथा योग्य श्रम से है
कौन लक्ष जो साध्य नही।
अपनी किस्मत को देते हैं
दोष वही जग में केवल
कर्मों को जो धर्मों जैसा
बना सके आराध्य नही।।

ठहर सकीं साहस के सम्मुख
कहाँ विकट विपदाएं भी
कर्मयोगियों के आगे नत
होती हैं बाधाएं भी।
धैर्यवान धीरज धर करते
जब निर्णय टकराने का
राह बदल लेती हैं अपनी
ख़ुद मुँहज़ोर हवाएं भी।।

— सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.