विविध

प्रासंगिक-अप्रासंगिक

भूदाता के नाम हटाकर इसतरह के नामकरण उचित नहीं है! महान शहीद और उनके परिवार को सादर नमन करते हुए ‘उच्च विद्यालय, मिर्जापुर-बघार’ का नामकरण उनके नाम से हो, तो श्रेयस्कर होगा! क्या ‘रामेश्वर यादव मनिहारी महाविद्यालय’ पर भूदाता मानेंगे?
सादर नमन!
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महात्मा गाँधी सदैव ‘प्रासंगिक’ है, किन्तु इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य महापुरुष ‘अप्रासंगिक’ है !
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टा-टा…. बाय-बाय….  इलाहाबाद! वेलकम “प्रयागराज”!!
इसीतरह बिहार में ‘बख़्तियारपुर’ रेलवे स्टेशन का नाम एक लूटेरे के नाम पर है, इसे बदल डालिये, मोहे रेलवे राजा!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.