ग़ज़ल
वही बेसुरा गीत गाने लगे
सभी भाव उसके पुराने लगे |
जनाधार जब टूटता ही गया
निराली कहानी सुनाने लगे |
दिलों में भरा है जहर रहनुमा
जहर सिक्त भाषण पिलाने लगे |
अमन गीत अब चाहिए देश को
सभी देशवासी जताने लगे |
पराजित विपक्षी परेशां सभी
विजय दुन्दुभी ये बजाने लगे |
अभी शक्ति जनता ने’ उनको दी’ है
सभी फायदा अब उठाने लगे |
खजाना भरा था, मलाई दिखी
भरा कोष को वो लुटाने लगे |
कालीपद ‘प्रसाद’