कौन है सबसे बड़ा धन ?
अपुन का धनपन्द्रस तो दीपावली को! धनतेरस में दुकानदारों के बल्ले-बल्ले! धनतेरस में आपके धन’चौरस’ हो गए? स्वास्थ्य ही धन है।
धन्वंतरि का बिगड़ा रूप ‘धनतेरस’ में संभव हो तो स्वास्थ्य खरीदिये, क्योंकि महर्षि धन्वंतरि ‘आयुर्वेद’ के पितामह थे। आज महर्षि धन्वंतरि जयंती है, वे ‘आयुर्वेद दिवस’ के रूप में ख्यात है।
ये धन-संपत्ति ने हमारे पुरखों को खाया है, क्योंकि सोना-चाँदी को इकट्ठे कर क्या करना चाहते हैं आप ! इससे न आपको फायदा है, न ही देश का ! यही तो बेनामी संपत्ति है, इसे बेमानी संपत्ति भी कह सकते हैं।
यह कथित ‘धनतेरस’ दुकानदारों के मानसपुत्र के सिवाय और कुछ नहीं है । इस तिथि को खरीददारी करवाने की दुकानदारों की प्लानिंग व योजना के सिवाय और कुछ तो नहीं !
आप ही कहिये, इससे कोई फ़ायदे हैं, क्या ? वहीं माटी भी धन है, एतदर्थ हम इस दिन क्यों न माटी को सजीवीकरण करनेवाले किसानों की पूजा करें ! प्रत्येक स्थिति में हम अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे, धनतेरस का यही संदेश है।