अम्बे महारानी जगदम्बे महारानी
आयीं हैं मेरे घर पे दुर्गा भवानी।
प्यारा सा अम्बे का महल बनाऊं
आम के पत्तों से उसको सजाऊं।
आरती करके मैं भोग लगाऊं,
खुशबू से फूलों की उसको महकाऊं।
आयीं हैं मेरे घर पे दुर्गा भवानी
अम्बे महारानी जगदम्बे महारानी।
आयीं हैं मेरे घर पे दुर्गा भवानी।
कलश पुजाऊं मैं थाल सजाऊँ
दीप जलाऊं माँ तुझको मनाऊं।
नौ देवियों की पूजा करूं मैं,
कन्या बैठाकर मैं उनको खिलाऊं।
आयीं हैं मेरे घर पे दुर्गा भवानी
अम्बे महारानी जगदम्बे महारानी।
आयीं हैं मेरे घर पे दुर्गा भवानी।
ये सर झुका है दर पे तुम्हारे
हमेशा रहेगा ये तेरे सहारे।
दर से तेरे कोई खाली न जाएं
भरती है तू सबकी झोली ये खाली।
आयीं हैं मेरे घर पे दुर्गा भवानी
अम्बे महारानी जगदम्बे महारानी।
आयीं हैं मेरे घर पे दुर्गा भवानी
— निशा नंदिनी भारतीय