‘कामरेड’ थे भाजपाई सांसद भोला सिंह !
श्री भोला सिंह पहली बार 1967 में वाम दलों के समर्थन में बेगूसराय से निर्दलीय विधायक चुने गए थे, फिर 8 बार यहीं से विधान सभा के लिए जाते रहे!
2009 में नवादा से लोकसभा के चुने गए और 2014 में बेगूसराय से लोकसभा के लिए जीते और वहीं से वर्त्तमान में प्रतिनिधित्व कर रहे थे । वह बिहार में कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री और विधान सभा के उपाध्यक्ष भी रहे।
श्री भोला सिंह लगभग हर पार्टियों में रहे ! भाजपा में आने से पहले वे कम्यूनिस्ट पार्टी, कांग्रेस, लोकदल, जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल इत्यादि पार्टियों में रहे यानी कि वे लेफ़्ट-राइट करते रहे ! वे बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के चहेते रहे हैं ! वे इतिहास के प्रोफेसर थे। सन 1967 में वह निर्दलीय विधायक बने, किन्तु वाम दलों के सपोर्ट पर, तो 1972 में भाकपा से विधायक बने। इसके बाद 1977 में वह कांग्रेस में चले गए । फिर 1990 और 1995 में वह जनता दल, फिर राष्ट्रीय जनता दल के विधायक रहे ! इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए, किन्तु श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की योजनाओं पर प्रश्नचिह्न लगाए।
महत्वाकांक्षी परियोजना ‘स्मार्ट सिटी’ की उपयोगिता पर भी सवाल उठाए! इतना ही नहीं, JNU के छात्र नेता कन्हैया को ‘भगत सिंह’ बताने में चुके नहीं! भाजपा में रहकर भी वे ‘कम्युनिस्ट’ मानसिकता के पोषक रहे ! कई पार्टियों के पोषक व विनम्र ‘भोला’ को सादर पुनश्च नमन।