इतिहास

नेताजी सुभाष ‘प्रधानमंत्री’ भी थे ?

नेताजी सुभाष के प्रधानमंत्रित्व के 77वीं वर्षगाँठ पर देशवासियों को शुभकामनाएं ! बर्लिन, टोकियो, सिंगापुर, रंगून और पोर्ट ब्लेयर।
21 अक्टूबर 1943 को प्रथम आजाद हिंद सरकार के ‘प्रधानमंत्री’ सुभाष चन्द्र बसु ने विदेश से ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया था कि लाल किले में तिरंगा फहराऊंगा ! जो कि तब ‘अंडमान द्वीप’ में फहराए भी !

लाल किले में फहराने का स्वप्न उनके द्वारा पूरा नहीं हो सका, हालांकि सभी प्रधानमंत्री 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से ध्वजारोहण करते हैं, किन्तु इस शुभ उपलक्ष्य के 75वीं वर्षगाँठ पर व 21 अक्टूबर 2018 को लाल किले में पहलीबार वर्त्तमान प्रधानमंत्री ने ध्वजारोहण किये !

आभार माननीय प्रधानमंत्री जी !
नेताजी के स्वप्न को जीवंत रखा, आपने !
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी के अनुसार, नेताजी न सिर्फ प्रथम प्रधानमंत्री थे, अपितु प्रथम राष्ट्रपति भी थे!
नेताजी को एतदर्थ स्मरण करने के लिए दिल्ली चलो के 77वीं वर्षगाँठ पर समस्त देशवासियों को शुभमंगलकामनाएँ !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.