राजनीति

भारत के प्रथम निवाचित प्रांतीय प्रधानमंत्री

भारत के प्रथम निर्वाचित प्रांतीय प्रधानमंत्री व बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के जन्मदिवस पर नमन। तारीख 21 अक्टूबर 1887 को नवादा जिला के नरहट के निकट खनवाँ ग्राम में डॉ. श्रीकृष्ण सिंह का जन्म हुआ। कथित जाति-व्यवस्था में ‘दबंग’ भूमिहार जाति में जन्म।

वे डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा, डॉ. महेश नारायण, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह के साथ आधुनिक बिहार के निर्माताओं में एक थे। 1937-38 में भारत के किसी प्रांत (बिहार) के दूसरे प्रधानमंत्री थे श्री बाबू ! तो 02 अप्रैल 1946 से 31 जनवरी 1961 तक यानी मृत्युपर्यन्त बिहार के मुख्यमंत्री रहे।

देश में बिहार पहला राज्य है, जहाँ श्री बाबू के नेतृत्व में व उनके कार्यकाल में ‘ज़मींदारी प्रथा का उन्मूलन’ हुआ। वे अग्रगण्य स्वतंत्रता-सेनानियों में एक थे । वे ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ के पोषक थे।

डा. श्रीकृष्ण सिंह 1917 में लेजिस्लेटिव कौंसिल और 1934 में केन्द्रीय एसेम्बली के सदस्य चुने गये, तो 1931 का ‘भारतीय संविधान’ जब पहली अप्रैल 1937 से लागू हुआ, तब डा. श्रीकृष्ण सिंह के प्रधानमंत्रित्व में ही बिहार प्रान्त में स्वायत्त शासन पहलीबार आरम्भ हुआ था।

श्री बाबू अब हमारे बीच नही हैं, किन्तु उनका संदेश, उनकी विचारधाराएं और उनके उच्च आदर्श सदैव हमारा पथ-प्रदर्शना करते रहेंगे ! वे ‘बिहार केसरी’ के नाम से ख्यात थे ! उनकी पावन जन्मदिवस पर उन्हें शत-शत नमन।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.