बाल कविता

अदला – बदली

सुबह जगाने आता सूरज,
शाम सुलाने आता चंदा।
गर अदला-बदली हो जाए,
झूम – झूमकर गाए बंदा।।

पता नहीं सूरज को निश दिन,
इतनी सुबह जगाता कौन?
दिन भर गायब रहता चंदा,
ठीक शाम को लाता कौन?

कोई पता बता दे उसका,
जो इनको ड्यूटी देता है।
क्या ये नहीं बगावत करते?
या तो वो क्रूर विजेता है?

थोड़ा मिलते अधिक बिछड़ते,
अजब गजब जीवन के चक्के।
एक बात लेकिन सच्ची है,
दोनों हैं ड्यूटी के पक्के।।

दोनों की अपनी ड्यूटी है,
दोनों के हैं अपने काम।
हम भी इनके साथ रहेंगे,
अवध हमेशा आठों याम।।

डॉ अवधेश कुमार अवध

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 [email protected] शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन