प्रभात
तमस को पराजित कर उषा के संग में,
हो गया दिवाकर, अवतरण देखिये।
चांद सितारो से भरी चादर उतार के
बदला है गगन ने आवरण देखिये
गूंजे पंछी के सुर, फैला प्रकाश यूं
खुशियों से भरा वातावरण देखिये।
ईश्वर की कृपा तले “स्वाती”के संग में
करें शुभकामना यूं वितरण देखिये।
— पुष्पा अवस्थी “स्वाती”