आंखों में ऐसे बस गए हैं ये बरसते मौसम दीदार की ख़्वाहिश में लम्हों को गिनते मौसम यादों के कारवां लिये गुज़िश्ता वक्त के उस ख़ुशनुमां मंज़र को फिर तरसते मौसम होने लगे वो आमद दस्तक दिये बिना के करके यूं आराईश से संवरते मौसम उनकी परस्तिश का इरादा है आरजू भी ये अनकहे जज़्बात […]
Author: *पुष्पा अवस्थी "स्वाती"
ग़ज़ल
नहीं पांव पड़ते हैं अब तो जमीं पे, के दिल आसमां में उड़ने लगा है। सुनता नहीं है हमारी कोई गल,न जाने कहां पे भटकने लगा है। संभाला बहुत पर नहीं अब संभलता,जिद पे अड़ा है पागल दिवाना, खुद की शिकायत करें खुद से कैसे अपनी ही धुन में रहने लगा है। नई हैं निगाहें […]
शहीदों को नमन
स्वप्न में भी न तू रोना है तू शहीद की मां हौसला सबका बढ़ाना है तू शहीद की मां न सजा सेहरा पर ये तन तो तिरंगे में है गूंजी शहनाई न जन गण की धुन तो मन में है गर्व से तू गुनगुनाना है तू शहीद की मां हौसला ,,,,,,, जान जाए गम नहीं […]
मुखौटे
चेहरों पे मुखौटे हैं ऐ यार संभलना हर कदम पे धोखे हैं दिलदार संभलना माना के गुलिस्तां है गुलों से भरा हुआ होते हैं कभी साथ में ये ख़ार संभलना बंधते हैं यहां रिश्ते मतलब की डोर से खो जाए न कहीं ये ऐतबार संभलना नकली है ये शाइश्तगी ऐ दिल जरा ठहर हो जाए […]
ग़ज़ल
तुम हो नहीं मगर दिल, करता है इंतजार। लहरा के तुमको आँचल, पुकारे बार-बार। बस गई तस्वीर ऐसे, कल्ब -ओ- जिगर में, के बंद आंखों से भी, होने लगा दीदार। आती है जब हवाएं तेरे दर को चूम के, खुशबू से महक जाते मेरे दर-ओ- दीवार। कानों में गुनगुना के ये करती है गुफ्तगू कहती […]
रौशन करें चराग
रौशन करें चराग़ आज मुफ़लिस के घर में उम्मीदों के गुल ख़िल जाएं उनके भी दर में कुछ हम ऐसा करें दीवाली उनकी सज जाए लगे चमकने तारे टिम टिम उनकी नज़र में रंग बिरंगी फुलझड़ी कुछ आतिशबाजी हो खुशिया मिलके फैलाएं हम उनके बसर में नूर ख़िले उनके भी रुख़ पे आराईश ऐसा हो […]
हिंदी
हिंदी हैं हम बिंदी हैं हम माँ भारती के भाल की है सुशोभित पुष्प संरचना ये उर के माल की है एकता में अनेकता फिर भी है ये समरसता सब अंग हैं हिंदी के हिंदी सबके धड़कन ताल की हिंदी हैं हम बिंदी हैं हम माँ भारती के भाल की रचना नहीं इसके बिना कोई नहीं है कल्पना बढ़ती नहीं […]
शहीदों को नमन
स्वप्न में भी न तू रोना है तू शहीद की मां हौसला सबका बढ़ाना है तू शहीद की मां न सजा सेहरा पर ये तन तो तिरंगे में है गूंजी शहनाई न जन गण की धुन तो मन में है गर्व से तू गुनगुनाना है तू शहीद की मां हौसला ,,,,,,, जान जाए गम नहीं […]
तेरी आंखों में
कहां हो निगाहें करम ढूंढते हैं। तुम्हें रात दिन हर कदम ढूंढते हैं। अभी तो दिखाई दिये मेरे ज़ानिब, निगाहों का अपने भरम ढूंढते हैं। तेरे दिल में उतरे यूं सांसों के साथ, मिलेगा सुकूं जो सनम ढूंढते है। नहीं अब बसर है बस रहगुजर, मिले दर से जो वो रहम ढूंढते हैं। आराईश किया […]
लाजवाब जिंदगी
जिंदगी लाजवाब है न सवालों में उलझ चलती फिरती किताब है न सवालों में उलझ देखने दे हसीं दिलकश ये नजारे अब तो पूरा करले जो ख़्वाब है न सवालों में उलझ कभी घटता है बढ़ता है कभी आता न नज़र फिर भी वो माहताब है न सवालों में उलझ खोल दे दिल के झरोखों […]