300 से अधिक उपन्यासों के लेखक
मैंने अबतक 2 लाख से अधिक हरतरह की पुस्तकें, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पांडुलिपियां, ब्लॉग्स, दस्तावेज, चिट्ठियां, brochures इत्यादि पढ़ा है । इस सप्ताह मैं श्री सुरेंद्र मोहन पाठक के 300वां उपन्यास ‘कहर’ और 301वां उपन्यास ‘जा के बैरी सन्मुख जीवै’ पढ़ने का मूड बनाया है, जो कि हिन्द पॉकेट बुक्स और पेंगुइन रैंडम हाउस कम्पनी की संयुक्त प्रस्तुति है । पठनीय है, उपन्यासकार को जीवंत रखने के लिए आपको भी पढ़ने चाहिए !
वैसे मैंने अबतक 2 लाख से अधिक हरतरह की पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएं, पांडुलिपियां इत्यादि पढ़ा है। just गत सप्ताह मैंने जासूसी उपन्यास ‘डायल 100’ और ‘विश्वास की हत्या’ पढ़ा, जो श्री सुरेंद्र मोहन पाठक की रचना है, यह 1983 और 1985 में प्रकाशित हुई थी, किन्तु westland publications ने 2018 में इसे ‘5 उपन्यासों’ के सेट के रूप में पुनः प्रकाशित किया है ।
दिलीप जी ! बिल्कुल आ रहे हैं, इधर दैनिक जागरण के बेस्ट सेलर बुक में उनके ताजा उपन्यास ‘हीरा-फेरी’ fiction श्रेणी में टॉप पर थे! किन्तु जेम्स हेडली चेज़ की भाषा दुरूह है, क्यों? पठनीय है, आप भी पढ़ सकते हैं ! ऐसे भी नए लेखक-लेखिकाएँ हैं, जो अपनी ही किताब को रोज 10-10 बार पढ़ते हैं और मंत्रमुग्ध होते रहते हैं !