ब्रेनवाश सत्तालय !
उपचुनाव परिणाम
बैंगन-मूली की दोस्ती में
ऐसी रेस्क्यू हुई
कि ‘आलू’ गोलगप्पे के साथ
इम्लाई डकार दे बैठे !
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ऐसा तो नहीं,
हम कुरूपों के
अलग ईश्वर होते है !
हम गरीबों के अलग ईश्वर हैं !
आईएएस के अलग ईश्वर;
तो नियोजित शिक्षकों के
अलग ईश्वर !
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शादी कोई उपलब्धि नहीं !
इनसे होती आज़ादी खत्म
और देश की जनसंख्या में वृद्धि;
फिर जनसंख्या वृद्धि है,
देश के विकास में बाधक !
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उप चुनाव में हरबार
सरकार ही हारती है….
किंतु मुख्य चुनाव आते-आते
दोमुँहे मतदाता
‘ब्रेनवॉश’ होकर
सत्ता को
फिर सत्ता सौंप देते हैं !