अभिन्न समीक्षा
कुछ देर पहले ही बाहर से घर आया हूँ ! बारिश में भींग गया हूँ ! ठंढक का बारिश शरीर को स्थिर कर देता है !
माँ ने मेरे लिए पूवे (पूआ) छाने ! एक महिला मित्र से सुखद-संदेश भी अभी-अभी प्राप्त हुई । इन सब चीजों से ठंढ मौसम में ऊष्मा लाने का प्रयास कर रहा हूँ, मित्रो !
लोग साथ काम करते हैं, स्वाभाविक है ‘मतभेद’ होगा ही! इनमें से कोई सहकर्मी (कॉलीग) अगर नौकरी संबंधी या किसी आफ़त में फंस जाते हैं, तो कुछ सहकर्मी को उसके प्रति सहानुभूति नहीं होती है, उल्टे उसे मज़ा आता है! ऐसे स्वार्थी सहकर्मी से दूर होना माँगता है, क्यों? है न!
लेखक डॉ. जीतेन्द्र वर्मा जी ने मुझे स्पीड पोस्ट से चार पुस्तकें अवलोकनार्थ प्रेषित किए हैं, जिनमें ‘आधुनिक भोजपुरी व्याकरण’ भी शामिल है !
‘अमर शहीद जगदेव प्रसाद’ (जीवन और विचार) पढ़कर शहीद जगदेव सर पर कई नूतन जानकारियों से अवगत हुआ।
वामपंथ भी नित नए रूप बदलता रहता है। दुनिया को रूसी क्रांति और माओवाद जैसे बड़े पैंडेमिक याद हैं जिसमें करोड़ों लोग मारे गए थे, पर इसके छोटे छोटे एपिडेमिक पूरी दुनिया में फैलते रहते हैं और उसमें भी हर साल लाखों लोग मारे जाते हैं। पर उनकी गिनती नहीं होती, वामपंथ के खूनी इतिहास में वे सर्दी-ज़ुकाम जैसे ही गिने जाते हैं।
मित्रो, इस पुस्तक को आप भी पढ़िए, जिसे “सम्यक प्रकाशन, नई दिल्ली-110063” ने प्रकाशित की है । पुस्तकें प्रेषण के लिए लेखक जीतेन्द्र जी को सादर धन्यवाद देता हूँ ।