सिंध, इल्म और आबरू
भारत-विभाजन के बाद विस्थापित ‘सिन्धी’ समाज काफी बर्बाद हो गए, जो पाकिस्तान में नहीं रहे, वो भारत तीन चीज लेकर आये । एक तो ‘राष्ट्रगान’ में ‘सिंध’ शब्द, दूजे- ‘इल्म’ और तीजे- ‘आबरू’ !
पाकिस्तान में आबरू नहीं बच पाए, किन्तु भारतीय राष्ट्रगान में ‘सिंध’ बचा रहा और ‘इल्म’ के बल पर देशभर में रोजगार खड़े किए। राजनीतिज्ञ रूप से मजबूत हुए और देश के उप-प्रधानमंत्री (लाल कृष्ण आडवाणी) भी बन गए।
इतना ही नहीं, वर्त्तमान प्रधानमंत्री इस (आडवाणी जी) सिंधी-गौरव को चरणस्पर्श प्रणाम करते हैं! इस अल्पसंख्यक समाज से हम बहुसंख्यक को अवश्य प्रेरणा लेने चाहिए!