सिम्पलीसिटी
कुछ देर पहले ही बाहर से घर आया हूँ ! बारिश में भींग गया हूँ ! अब तो धूप खिल आई है, प्रकृति हरीभरी और निराली है!
ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो सफल और संपन्न होकर भी सिम्पलीसिटी में जीते हैं । यह तो बड़प्पन है । कहने का मकसद है, सम्पन्नता पाकर अगर हम सिम्पलीसिटी में रहे, तो यह हमारी महानता है, अन्यथा सम्पन्नता का डींग हाँकना हमारे अभिमान का सूचक है, जो कालांतर में दुर्बल पक्ष के रूप में अभिहित है।
ज़िन्दगी बहुत छोटी है और हमने कई सामान खरीद रखे हैं ! किसी ने कहा है- अकेले हम ही नहीं शामिल इस जुर्म में, नजरें जब मिली मुस्कुराये तुम भी थे !