नारी फर्स्ट, सम्मान फर्स्ट
एलजीबीटीक्यू के सम्मान में आईपीसी की धारा- 377 की समाप्ति! तो भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध चौथे ओडीआई में 377 रन बनाए । रोहित शर्मा ने 7 वीं बार 150+ रन बनाए । वेस्टइंडीज बड़े अंतर से पराजित ! जागते रहियो !
कुछ अत्यंत महत्वाकांक्षी महिलाएँ नारी स्वतंत्रता की आड़ लेकर यौनता को हथियार बनाकर कार्यक्षेत्रों में अन्य महिलाओं से आगे निकलना चाहती हैं । यह स्वाभाविक मानवोचित प्रवृत्तियाँ हैं, जिनके फिलहाल कोई निदान नहीं है !
ऐसे मीटू पुरुष समाज को भी ऐसी महत्वाकांक्षी महिलाओं के इरादों से सतर्क करेगा और उनके मन में यह भय भरेगा कि कहीं आगे चलकर वे मीटू के शिकार न बनें, लेकिन कुछ तो ऐसा होना चाहिए कि नीचे तक संदेश जाए कि सम्पूर्ण समाज को नारियों के सम्मान और सुरक्षा की चिंता है।
….जहाँ हिन्दू धर्म में राम के साथ सीता, कृष्ण के साथ राधा, शिव के साथ पार्वती की आराधना होती हो, तो ऐसे समाज में नारी द्वारा अशक्त, असुरक्षित और अपमानित होने की बात क्या यह एक विरोधाभास को नहीं दर्शाती ? ….. उर्वशी, रंभा, मेनका और तमाम अप्सराओं की कामुक-प्रवृत्तियाँ से लेकर अजंता-एलुरा और खजुराहों की संभोगात्मक प्रवृत्तियाँ भारत में ही कलात्मक रूप में दर्ज हैं !
ऐसे प्रासंगिक विवरण में लेखक डॉ. ए के वर्मा ने शीर्षक भी दे रखा है- मीटू में स्त्री-पुरुष सहित हर तबके यानी एलजीबीटीक्यू को भी अभिव्यक्ति मिलने चाहिए!