सरदार की असरदार जन्मदिवस !
सरदार की ‘असरदार’ जन्मदिवस ! ….तब ‘बारदोली’ की महिलाओं ने वल्लभभाई के सांगठनिक एकता के कारण उन्हें पटेल (मुखिया) से ‘सरदार’ (प्रधानमंत्री) बना दिए…. देश की आज़ादी के बाद राजनीतिक व कूटनीतिक द्वंद्विता के कारण प्रधानमंत्री तो बन नहीं पाये, लेकिन पंडित जी को सप्ताह के अंदर ही उन्हें प्रथम उप प्रधानमंत्री बनाने ही पड़े । ऐसे थे असरदार ‘सरदार’ !
…..क्योंकि अंग्रेजी सत्ता से मुक्त होने के बावजूद कई सौ रियासतों के राजा, निज़ाम, शाह इत्यादि स्वाधीन सत्ता में शामिल न हो व परम विलासी सुख पाने की खातिर अपने-अपने बोल लिए सम्पूर्ण भारत के लिए बाधक होने लगे, तब सरदार ने समझाकर, संधिकर और बाधक रियासत की जनता-जनार्दनों के झुकाव को समझते हुए शाक्त बन सबको केंद्रीय सत्ता के साथ जोड़ अनेकताओं में एकता को दृढ़ता प्रदान किये और इस सुकृत्य पर देश ने उन्हें ‘लौह पुरुष’ कहा, तो भारत सरकार ने ‘भारत रत्न’ सम्मान दिया । उनके द्वारा देश को एकता में बाँधने के कारणश: उनकी जन्मदिवस (31 अक्टूबर) पर आज सम्पूर्ण राष्ट्र ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मना रहा है । जन्मदिवस पर सादर नमन !
जहाँ तक एकता की बात है, तो सनातन पंचाङ्गों के अनुसार, वर्ष 2017 में ‘कार्तिक शुक्ल एकादशी’ को कहा जाता है, इसी तिथि को असुरों व दानवों से विचलित देवों में एकसाथ मिलकर उन्हें परास्त करने को लेकर ‘उत्थान’ की बात समाहित हुई थी । देवों में भी एकता आने की तिथि इसबार 31 अक्टूबर यानी ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ (सरदार पटेल के जन्मदिवस) को पड़ता है । इसतरह से सभी मित्रों को देवोत्थान एकादशी की शुभकामनाएं…. कि “उठ: उठ: देवलोक सुथनी खाव:”।