कविता

बहुत याद आता है

तुम्हारा मुझे एक टक निहारना
मुझें बहुत याद आता है ,
तुम्हारा दुपट्टे में मुँह छिपा कर मुस्कुराना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
नित्य नये-नये खत लिख कर देना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
ऊपर से  गुस्सा होना और भीतर ही भीतर
मुझें दिल से मानना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
तुम्हारा मुझपर अपना हक़ जमाना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
मुझसे रूठना, बातें ना करना लेकिन
मेरी खुशियों की दुआ करना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
छुप-छुप कर मेरा स्टेटस देख मुझे याद करना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
मेरी छोटी-छोटी बातों पर मुझसे झगड़ा करना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
मेरी धड़कनों को अपना एहसास बनाना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
मेरी हर एक रचना को दिल से पढ़ना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
तुम्हें अपने प्यारे सूट मे देखना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
तुम्हारे अधरों का रक्तिम लिपस्टिक ,
मुझें बहुत याद आता है ,
कभी-कभी मेरी बातों पर रूठ कर रोना ,
मुझें बहुत याद आता है ,
याद आती है मुझें ,
तुम्हारी हर वो अदा ,
जो तुम्हें पसंद हो
और………..
तुम्हें जो नापसंद हो ,
वो भी मुझें ,
बहुत याद आता है !
— रुपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]