शक्की पति ‘जोंक’ की तरह है !
डूबते
सूरज
को
प्रणाम !
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विपत्ति
और
शक्की-पति
जोंक की तरह
हर पल
साथ रहते हैं !
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प्यार में चोट खाई महिला
‘नागिन’ हो सकती हैं
और पुरुष तब
‘नाग’ होंगे !
परंतु, यह ‘शेषनाग’
कौन है, भाई !
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आप निर्जीव मूरत को
प्रेम करेंगी,
किन्तु पास बैठे
मनुष्य से
प्रेम नहीं करेंगे ?