एक अदद प्रेमी की तलाश है
भ्रूण अगर वीर्य से बनते हैं,
तो क्या मुर्गियों के अंडे में भी
भ्रूण होते हैं ?
और तब क्या
मुर्गियों को भी
माहवारी होती होंगी ?
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एक किशोरी अगर
और आईब्रो बनानी
शुरू कर दी है
और नियमित पार्लर
जाने लगी है,
तो समझिये
कि उन्हें
अदद ‘प्रेमी’ की तलाश है !
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सुंदरता को रंग से
मापना क्यों ?
साँवली को तो
सलोनी कही जाती है !
और सलोनी माने
मोहकता व सुंदरता ही तो है !
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सुना है,
‘खून’ और ‘दूध’ के बनने के
प्रक्रम और स्रोत एक समान है,
तो खून ‘मांसाहार’
और दूध ‘शाकाहार’
कैसे हो गई ?
बेहद सुन्दर प्रस्तुति।
1. माहवारी, कोई अभिशाप नहीं अपितु एक वरदान है स्त्री की। किन्तु कुछ लोगों की निम्न मानसिकता ने इसपर खुलकर बात करने की आज़ादी भी नहीं देते। जिसके फलस्वरूप आज अनेक महिलाएं न जाने कितनी बीमारियों से ग्रसित होने के बावजूद हिचकिचाहट में खुलकर अपनी बात रख भी नहीं पाती। फ़िर अंत में उनकी स्थिति वम्भीर रूप ले लेती है।
2. अदद प्रेम की तलाश तो हर किसी को रहती है। हर व्यक्ति उम्र भर उस प्रेम की तलाश में भटकता रह जाता है। किन्तु नसीब नहीं होता।
3. मनुष्य की सुंदरता वह नहीं होती जो बाह्य रूप में दर्शित होती है। अपितु वास्तविक सुंदरता मनुष्य के अन्तर्मन में निहित होती है। उसके गुण ही सुंदरता की पहचान होते हैं।
4. मांसाहारी अथवा शाकाहारी मनुष्य अपनी सोच के कारण दर्शित होता है। और भोजनों को अपनी इच्छाओं के अनुसार वर्गीकृत करता है। और हर सम्भव प्रयास करता है कि उसका पक्ष मज़बूत हो।