दिवाली
जगमग-जगमग आई दिवाली,
दीप खुशी के लाई दिवाली,
मिलकर दीप जलाएंगे,
प्रेम-संदेशा लाई दिवाली.
मिट्टी के दीपक कुम्हार ने,
बड़े जतन से बनाए हैं,
कुम्हार की भी मने दिवाली,
ढेरों दीपक लाए हैं.
दीप जलें तो होती दिवाली,
प्रेम बढ़े तो होती दिवाली,
मन में दीप खुशी के जलें तो,
जगमग-जगमग होती दिवाली.
बम-पटाखे नहीं जलाकर,
राह नई अपनाएंगे,
प्रदूषण से मुक्त है रहना,
सबको यही सिखाएंगे.