रोड शो- 12 : बातें आनंद की
आज बातें आनंद की करते हैं. आप कहेंगे, आनंद तो हमारे मन में बसता है, फिर आनंद की बातें करने से क्या मिलेगा! यह तो वही बात हुई न!
”कस्तूरी कुंडल बसै,मृग ढूढ़ै वन माहि
ऐसे घट घट राम हैं,दुनिया देखे नाहि।”
तो जनाब, आनंद को भी ढूंढने के लिए प्रयास तो जारी रखना ही पड़ेगा न! आनंद कब-कैसे-कहां से मिल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. अब देखिए न! इंद्रेश उनियाल को कामेंट्स में दो अच्छी बातें बताने में आनंद आ गया. लीजिए आप भी आनंद लीजिए-
1.आदरणीय लीला दीदी इस अवसर पर काम की एक बात हम भी लिख देते हैं. यदि आप कहीं निर्जन स्थान पर दिशा भ्रम में हों जैसे आसमान में बादल हो और स्थान पूर्व परिचित न हो तो धातु की पतली छोटी सी तार को रगड़ कर चुम्बक बनाया जा सकता है. उसे एक दोने में पानी भरकर एक पत्ते पर रख दीजिये जव वह स्थिर हो जाय तो उत्तर व दक्षिण दिशा में ही उसके सिरे होंगे. अब उत्तर किस ओर है और दक्षिण किस ओर यह तो ज्ञात नहीं होगा. लेकिन समय के अनुमान से आप किधर बादलों में रोशनी अधिक है और किधर कम आप इसका भी अनुमान भी लगा सकते हैं. गाँव में मेरा एक चचेरा गाँव का भाई रात में तारों को देखकर सही समय बता देता था सादर प्रणाम सहित.
2.महान भारतीय हरित दीवार
यह भारत सरकार की एक बहुत ही बड़ी व दूरदर्शितापूर्ण योजना है जिसके अन्तर्गत पोरबन्दर, गुजरात से लेकर, पानीपत, हरियाणा तक एक महान हरित दीवार बनाई जाएगी। अभी तो इस हरित दीवार की भव्यता की कल्पना भर ही की जा सकती है। बताया ये जा रहा है कि चौदह सौ किलोमीटर और पाँच किलोमीटर चौड़ी ये दीवार पर्यावरण संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान देगी।भारत के गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली राज्य इस हरित दीवार के प्रत्यक्ष हितग्राही होंगे जबकि इसका दूरगामी लाभ पूरे भारत को दीर्घावधि में प्राप्त होने की संभावना है। इस योजना का मौलिक उद्देश्य थार मरुस्थल के प्रसार को रोकना है। गर्मियों में पूर्वी भारत के एक बड़े भाग में धूल भरी आँधी चलती है जो मानव स्वास्थ्य के साथ ही पारिस्थितिकी के लिए भी नाना प्रकार की समस्याओं को जन्म देती है। इस हरित दीवार से इस समस्या का भी ठोस समाधान होगा, ऐसी अपेक्षा की जा रही है। इसके साथ ही सरकार ये संदेश भी देना चाहती है कि हम जलवायु परिवर्तन से हो रहे परिवर्तन से न केवल चिंतित हैं अपितु इसके लिए आवश्यक कदम भी उठा रहे हैं। भारत सभी वैश्विक समझौते का सम्मान करनेवाला एक अत्यंत ही जिम्मेदार राष्ट्र है, अतः पर्यावरण संरक्षण के लिए किये गए समझौतों के पालन के लिए भी ऐसे कदम उठाए जाने आवश्यक हैं। आनेवाली पीढ़ियों को भी ये संदेश दिया जा रहा है कि हमने सब कुछ नष्ट ही नहीं किया, बहुत कुछ बनाया भी है।यहाँ इस बात का उल्लेख करना आवश्यक है कि ऐसे ही एक दीवार की योजना एक दशक पूर्व अफ्रीका में बनाई गई थी जिसका क्रियान्वयन अब तक नहीं किया जा सका है। उस योजना में दर्जनों देश थे और फाइलों की गति हर जगह एक सी ही होती है विशेषकर तब जब फाइलों को आगे बढ़ाने में नीति निर्माताओं के हाथ कुछ विशेष नहीं आता। इस दीवार के निर्माण में वैसी कोई समस्या आने की संभावना नहीं है और इसके सफल क्रियान्वयन के उपरांत भारत की छवि करके दिखानेवाले राष्ट्र की बनेगी।
सुदर्शन खन्ना को भी आनंद से यह खबर देने में आनंद आ गया-
रामराजा मंदिर ओरछा एक मात्र मंदिर है जहाँ राम की राजा के रूप में पूजा की जाती है उन्हे प्रतिदिन पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर और सलामी दी जाती है उन्हें भोग राजसी रूप में परोसा जाता है। राम दरबार लगता है।
आनंद पर यह कविता भी तो देखिए न!
जीवन का आनंद है अनमोल,
इसे दौलत की गठरी व सिक्कों से ना तोल,
जीवन का आनंद तो बस-
मासूम बच्चों की मुस्कानों में है,
माँ-बाप के आशीर्वाद व दुआओं में है,
संयुक्त घरों के रसोई घर के पकवानों में है,
माँ की लोरी व निश्छ्ल ममता में है,
परिवार के साथ जीने में है,
एक दूसरे के सुख-दुख बांटने में है,
जीवन का आनंद तो बस एक अहसास है,
बस प्रेम व त्याग की परिभाषा है,
आओ हम सब ऊंच-नीच का भेद ना करें,
हम सब आपस में मिल-जुलकर रहें,
वो जीवन है सच्चा जीवन,
जिससे सबको उल्लास मिले,
सुख-शांति मिले आनंद मिले,
औरों के लिए मिठास मिले,
परहित पर हो अर्पित हमारा जीवन,
दूसरों के जीवन में खुशियाँ फैलाकर,
अपने जीवन को आनंदमय बनाएं..!!
और यह सुविचार!
आनंद पाने के लिए ध्यान करो,
और अपने आस पास लोगों की सेवा करो.
अब प्रेरणा देकर आनंद देने वाली कुछ सुर्खियां, जिन्हें आप विस्तार से पढ़ सकते हैं-
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बातें आनंद की होंगी तो बात आनंद राज आनंद की भी होगी.
आनंद राज आनंद
आनन्द राज आनन्द एक भारतीय संगीत निर्देशक, पार्श्वगायक, फ़िल्म स्कोरर तथा गीतकार और रचनाकार हैं, जो हिन्दी चलचित्र उद्योग से जुड़े हुए हैं.
मुल्कराज आनंद
महाराष्ट्र के मुल्कराज आनंद भारत में अंग्रेज़ी साहित्य के क्षेत्र के प्रख्यात लेखक थे। मुल्कराज आनंद का जन्म १२ दिसम्बर १९०५ को पेशावर में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन तथा केंब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर पीएचडी की उपाधि हासिल की. साहित्य जगत में उनका नाम हुआ उनके उपन्यास अनटचेबल्स से जिसमें उन्होंने भारत में अछूत समस्या का बेबाक चित्रण किया। उनके महत्वपूर्ण उपन्यास हैं,
कुली
टू लीव्स एंड अ बड
द विलेज
अक्रॉस द ब्लैक वाटर्स
द सोर्ड एंड द सिकल
भारत में रचा गया उनका प्रमुख उपन्यास था द प्राइवेट लाइफ़ ऑफ़ ऐन इंडियन प्रिंस. ९९ वर्ष की आयु में सन २००४ में उनका निधन हुआ। मुल्कराज आनंद को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६७ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
विश्वनाथ आनंद
विश्वनाथन आनंद भारत शतरंज खिलाड़ी, अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर एवं पूर्व विश्व चैंपियन हैं। विश्वनाथन आनंद क जन्म ११ दिसम्बर १९६९ में हुआ था। विश्वनाथन आनंद् एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी और वह एक भूत्पुर्व शतर्र्ंज विजेता हैं। आनंद पांच बार विश्व शतरंज प्रतियोगिता जीते हैं और वह निर्विवाद विजेता रहे हैं। विश्वनाथन आनंद २००३ में फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप में विश्व शतरंज बने और वह अपने समय के ड्रीड खिलाड़ी माने जाते हैं।
सन १९८८ में विश्वनाथन आनंद भारत के ग्रांडमास्टर बने। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सबसे पहले सम्मानित किया गया जो कि भारत का सबसे माननीय खेल पुरस्कार है (सन १९९१-९२)। विश्वनाथन आनंद को सन २००७ में भारत का द्वितीय सबसे श्रेष्ठ नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण दिया गया, जिससे वे भारतीय इतिहास के सबसे पहले खिलाड़ी बने जिसे यह पुरस्कार मिला। आनंद ने शतरंज ऑस्कर ६ बार जीता है (सन १९९७, १९९८, २००३, २००७, २००८)।
कल्याणजी आनंद जी
कल्याणजी-आनंदजी गुजरात से हिन्दी फिल्मों की जानी मानी संगीतकार जोड़ी है| कल्याणजी वीरजी शाह (30 जून 1928—24 अगस्त 2000) और उनके भाई आनंदजी वीरजी शाह (जन्म 2 मार्च 1933)। ये दोनों 1970 के दशक में हिंदी फिल्म साउंडट्रैक, विशेष रूप से मारधाड़ पर आधारित फ़िल्में पर अपने काम के लिए जाना जाता है।
उनके कुछ बेहतरीन फ़िल्मों में “डॉन”, “बैराग”, “सरस्वतीचंद्र”, “क़ुर्बानी”, “मुक़द्दर का सिकंदर”, “लावारिस”, “त्रिदेव” और “सफ़र” आदि हैं। उन्होंने “कोरा कागज़” (फ़िल्म) के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के लिए 1975 फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड जीता।
आनंद महिंद्रा
आनंद महिंद्रा अक्सर ट्विटर और वीडियोज़ पर सक्रिय रहते हैं और अच्छे काम के लिए लोगों को मदद और इनामात देकर आगे बढ़ने को प्रोत्साहित भी करते हैं. आनन्द महिन्द्रा (जन्म १ मई १९५५) महिंद्रा समूह के प्रबन्ध निदेशक एवं अध्यक्ष हैं। उनके दादा केसी महिन्द्रा कम्पनी के सह-संस्थापक थे उन्होंने इसकी स्थापना अपने गृह नगर लुधियाना, पंजाब से की। २६ जनवरी २०२० को इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। आनन्द महिन्द्रा ने अपनी शुरुआती शिक्षा लॉरेंस स्कूल लवडेल से आरम्भ की और बाद में १९७७ में हार्वर्ड कॉलेज, कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स के मैग्ना मार्क से स्नातक की शिक्षा पूर्ण की और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, बोस्टन से १९८१ में एमबीए की शिक्षा पूर्ण की। २६ अक्टूबर २०११ की फ़ोर्ब्स रेंकिंग के आधार पर वो कुल यूएस $825 मिलियन सम्पति के साथ 68वें धनी भारतीय घोषित हुए।
1971 की आनंद फिल्म
1971 की आनंद फिल्म ने तो सफलता के झंडे गाड़ दिए थे. अंतड़ियों के कैंसर से पीड़ित आनंद यानी राजेश खन्ना ने यह मालूम होते हुये भी, कि वह कुछ ही दिनों का मेहमान है, अपनी जिंदादिली से दर्शकों को अचंभित कर दिया था. आनंद एक न भुला पाने वाली फिल्म बन गई.
बातें आनंद की और भी बहुत-सी हैं, आज बस इतना ही. शेष बातें फिर कभी.
अमृता राव और पति अनमोल ने फैन्स से पूछा बच्चे के लिए नाम, मिले मजेदार जवाब
फैन्स ने सुझाए दोनों के नाम जोड़कर ये नाम
अनमोल और अमृता को फैन्स ने अमन, अमोल, अमरान, अथित, अथर्व, आयुष, रियान और अनरित जैसे नाम सजेस्ट किए हैं। एक फैन ने मजाक में अमरेंद्र बाहुबली नाम भी सुझाया है।
बात साहस व प्रेरणा और आनंद की-
पोलियोग्रस्त महिला ने 2 साल तक मांगी भीख, अब लगा ली फलों की रेहड़ी————
रमा देवी को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा पर उन्होंने इसका असर अपने बच्चों पर नहीं पड़ने दिया. जब वो भीख मांगती थी, तब भी उनके बच्चे पढ़ते थे. हार न मान, हार न मान, साहस से जिंदगी को बना आसान.