कविता
आशाओं के दीप जलाए रखना,
यूं ही हाथों में हाथ मिलाए रखना|
कौन कहता है मंसूबे होते नहीं है पूरे,
हौसलों की शम्मा जलाए रखना|
म्हणत से ही लोगों में ही मंसूबे हैं,
मंसूबे हैं तो जिंदगानी है|
जिंदगानी है तो मित्रों,
जीवन एक लंबी कहानी है|
जीवन दीप जलाए रखना,
दिलों से दिल को मिलाएं रखना|
दिल से कभी हर न मानना,
यही तो भरपुर जिंदगानी की कहानी है|
आओ हल पर को जोड़ कर रखे,
पालो पल की ही पूरी जिंदगानी है|
— संजीव ठाकुर