कुछ तो हो
जीत नही तो
हार ही सही,
सुख नहीं तो
दुख ही सही,
अपने नहीं तो
पराए ही सही,
दोस्ती नहीं तो
दुश्मनी ही सही,
जीवन नहीं तो
मृत्यु ही सही,
आदि नहीं तो
अंत ही सही,
हमसफर नहीं तो
हमराही ही सही,
धरती नहीं तो
आसमां ही सही
जल नहीं तो
अग्नि ही सही,
नव नहीं तो
पुरातन ही सही,
ज्ञान नहीं तो
अज्ञान ही सही।
— राजीव डोगरा ‘विमल’