ऊर्जस्वित ऊर्जा
33 वर्ष से
जो बाइडेन
अमरीकी राष्ट्रपति बनने के दौर में ।
8 वर्ष तक
अमरीकी उपराष्ट्रपति रहे ।
जिंदगी इसी तरह से
अनवरत जारी है,
अब राष्ट्रपति बन ही गये आखिर ।
असफलता ही
सफलता को लेकर आते हैं ।
कोरोना काल में
यह बड़ी उपलब्धि है ।
सदुपयोग हो,
सुपरिचित हो,
आफत नहीं हो,
डिवाइडेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका,
न कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका ।
ग्रामीण अमेरिका ने ट्रम्प को चुना,
शहरी अमेरिका ने बाइडेन को चुना ।
लोकतंत्र का सच यही है,
यह जरूरी नहीं
कि नेता सच्चरित्र ही हो ।
विचित्र ही हो,
ट्रंप है कि मानता नहीं ।
दिल है कि मानता नहीं ।
यह ऊर्जस्वित ऊर्जा है ।