कविता

आस्था और अनास्था

सूर्यग्रहण
अभी ‘काजू’ लग रहा है !
आस्थावाले को
न नहाने और न खाने के चक्कर में ऑफिस या स्कूल नहीं जाने चाहिए !

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‘सूर्यग्रहण’ आस्था नहीं,
विज्ञानसम्मत है.
मैं नास्तिक हूँ,
कुछ देर पहले चाय ली, अब दूध-चूड़ा खा रहा हूँ….

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अपने क्षेत्र में कई फ़र्ज़ी नेता हो गए हैं !
बकौल
“फ़र्ज़ी नागरिक”

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शेख चिल्ली साहब !
मैं लाइक पाने के लिए पोस्ट नहीं करता !
मेरा उद्देश्य सिर्फ़ ‘स्वांत: सुखाय’ है, मित्र !

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‘कर्ण’
की सही पहचान न होने से
वे आजन्म प्रताड़ित रहे,
तो वहीं कुँवारी माँ की संतान ‘प्रभु यीशु मसीह’ संसार के लिए आदरणीय हो गए !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.