कविता

दीपावली आयी है 

दीपो का दिवाली आयी है ,
दीप जगमगाते दिवाली आयी है ,
मीठे मीठे मिष्ठान लेकर आयी है ,
लाल, पीले, हरे , नारंगी लेकर आयी है ,
धरती के मिट्टी से दीप जलाएंगे ,
दुनिया मे प्रेम का मिलन कराएंगे ,
चक-मक दीपों का त्यौहार आयी है ,
दीपों का पर्व दीपावली आयी है ,
फुलझड़ी, अनार, चिटपुटीया का पर्व आयी है ,
मोमबत्ती , रंग बिरंगे मिठाइयों का पर्व आयी है ,
आपस मे मिलकर धर्म – जाति का पर्व आयी है ,
दीपो से दुनिया का उजाले करने का पर्व आयी है ,
बम – बारूद पटाखे से ,
विषाणुओं को समाप्त करने का त्यौहार आयी है ,
मनुष्यों का अस्तित्व बचाने का त्यौहार आयी है ,
दुनिया मे रोशनी , उजाले करने का पर्व आयी है  ,
हिंसा पे अहिंसा से ,
विजय दिवस मनाने का त्यौहार आयी है ,
अशांति पे शांतिपूर्ण तरीके से जीतने का पर्व आयी है ,
दीपों का पर्व दीपावली आयी है  !
— रुपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]