यथा प्रसंग
किसी ने ठीक ही लिख भेजा है, यथा- सेनेगल (वेस्ट अफ्रीका) के विश्वप्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी “सादिओ माने” की आय भारतीय मुद्रा में प्रतिसप्ताह 1 करोड़ 40 लाख रुपये है, बावजूद वे साधारण फोन का इस्तेमाल करते हैं, किसी कारण फोन टूट गयी, तो वे उस फोन को छोड़ नहीं रहे हैं और उसी का इस्तेमाल कर रहे हैं ।
वे गाड़ी तक नहीं रखे हैं, जबकि वे कई हजार फोन व दर्जनों बीएमडब्ल्यू कार खरीद सकते हैं, किन्तु वे ऐसा नहीं करते, क्योंकि वे स्कूल कभी जा नहीं पाए और असाक्षर ही रह गए । इसलिए वे अपनी कमाई का सदुपयोग अपने देश सेनेगल में विद्यालय निर्माण और गरीब व बेसहारा बच्चों को पढ़ाने में लगा रहे हैं । भारत में ऐसे कितने त्यागवीर हैं !