एक फूल पाँच माली
मैं हूँ “भाषा का डॉक्टर” !
हर विचारों,
सिद्धांतों का
‘पोस्टमार्टम’ करता हूँ
और
नए-नए विचारों पर
कार्य करता हूँ !
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फेसबुक,
इंस्टाग्राम,
व्हॉट्सएप,
ट्वीटर….
अपने आप में
‘कॅरोना’ वायरस हैं ।
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कोई मुकम्मल
‘हीरो’ नहीं होता,
कोई मुकम्मल
‘विलेन’ नहीं होता !
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