एफआईआर
शिक्षक-संघ सरकार से
रजिस्टर्ड हैं,
जिनके आह्वान पर
सदस्य-शिक्षक हड़ताल पर….
एफआईआर अगर हो
तो संघ पर हो,
शिक्षकों पर
एफआईआर अनुचित है !
××××
‘वोट’ किसी को दीजिए…
किन्तु बात जब
‘राष्ट्र’ की आए,
तब ‘साहसिक नेता’ की
जरूरत है !
तो निश्चित को छोड़
अनिश्चित की ओर क्यों?
××××
सभी धर्म अथवा जाति में
‘गद्दारों’ की संख्या भरी पड़ी है,
जिन्ना तो थे ही,
येहूदा भी थे !
गद्दार थे क्या सम्राट ‘जयचंद’,
जो हिन्दू थे ?