गीतिका/ग़ज़ल

गजल

हम नहीं बदलेंगे तुम बदल जाओ

मोम नहीं फौलाद में ढल जाओ

अब चिरागों से हमें उम्मीद बहुत

है तीरगी बहुत अब तुम जल जाओ

कौन आएगा अब गिरतो को सहारा देने

काबिल बनो खुद ही संभल जाओ

खुद को बनाओ कुछ ऐसा तुम

खरा बना ऐसे के यहां चल जाओ

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश