गजल
हम नहीं बदलेंगे तुम बदल जाओ
मोम नहीं फौलाद में ढल जाओ
अब चिरागों से हमें उम्मीद बहुत
है तीरगी बहुत अब तुम जल जाओ
कौन आएगा अब गिरतो को सहारा देने
काबिल बनो खुद ही संभल जाओ
खुद को बनाओ कुछ ऐसा तुम
खरा बना ऐसे के यहां चल जाओ
हम नहीं बदलेंगे तुम बदल जाओ
मोम नहीं फौलाद में ढल जाओ
अब चिरागों से हमें उम्मीद बहुत
है तीरगी बहुत अब तुम जल जाओ
कौन आएगा अब गिरतो को सहारा देने
काबिल बनो खुद ही संभल जाओ
खुद को बनाओ कुछ ऐसा तुम
खरा बना ऐसे के यहां चल जाओ