पलटवार
विभीषण तो धर्मात्मा थे,
किन्तु लंकाधीश रावण की नज़र में
‘गद्दार’ थे;
गद्दार के लिए
अपनी-अपनी नजरिया,
जो कि व्यक्तिनिष्ठ होते हैं !
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कभी खरगोश को
सहला कर देखिए;
मानो उनकी
‘नाभि’ के इर्द-गिर्द
सहला रहे हैं !
अतुलनीय मजा !
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विभीषण तो धर्मात्मा थे,
किन्तु लंकाधीश रावण की नज़र में
‘गद्दार’ थे;
गद्दार के लिए
अपनी-अपनी नजरिया,
जो कि व्यक्तिनिष्ठ होते हैं !
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