मिलजुल के सीखो रहना जी
ये जीवन है एक लड़ाई,
इसमें होती हाथापाई।
जीतोगे तो ताज मिलेगा ,
हारोगे तो मिलेगी खाई।
वैसे तो मिलते कम मौके,
पर जब पाओ करो भलाई।
खुशियों के रंगीन चमन में,
आग लगाती नफरत ताई।
दुनिया के मेले में अक्सर,
अच्छों में भी दिखी बुराई।
मिलजुल के सीखो रहना जी,
इसमें सबकी होय भलाई।
— महेंद्र कुमार वर्मा