कविता

काविता

अगर महसूस नहीं होती

तुमको पीड़ा किसकी।

देखकर आंसू किसी के

नम नहीं होती हे तुम्हारी आंखें

तो तुम इक जिन्दा

लाश हो।

जिनका जीना

और न जीना

एक बराबर होता है

केवल सांस बस लेना ही

जिंदगी नहीं होती

संवेदना का

मरना ही

असल मौत

होती है हमारी

— अभिषेक जैन

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश