दिलचस्प प्रेम कविता
काश ! अगर मैं बाँसुरी होता,
तू मुझे होठों से लगाये रखती !
कि उन सुरों को सुन-सुन,
दिल तेरी, मेरे लिए धड़कती !
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इक नज़र देखो मुझे,
जो है उदासी निगाहों की तस्वीर;
कि नहीं समझ पाया आजतक,
तेरी उदास मुस्कराना !
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कि प्रेमगली की कुड़ी ने,
नैनों की हॉट-टी पिलाई;
तब से कुकर बन फ़ख़त,
सीटी बजा रहा बेघर हूँ !
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प्रेमनगर से आया इक
मुसाफ़िर शायर हूँ,
दोस्तों ने कहा,
प्रेम में कोल्ड स्टोर भर हूँ !