मां बनते ही हर महिला
मां बनते ही हर महिला,
जाति-विहीन हो जाती है!
शूद्र-क्षेत्रीय-ब्राह्मण-वैश्य बन रोज़ाना
नित नई भूमिका वो निभाती है!!
पालन करते हुए शिशु का,
परिचारिका वो बन जाती है!
बच्चे की रक्षा की खातिर,
क्षत्रिय वो हो जाती है!!
देते हुए संस्कार बच्चे को
ब्राह्मण की भूमिका निभाती है!
बच्चे के लिए करती संचित धन
वैश्य धर्म वो निभाती है!!
मां तो बस मां ही होती है
दिल से रिश्ता वो निभाती है!
हो चाहे वो किसी भी धर्म की
… मां के नाम से जानी जाती है!!
अंजु गुप्ता