व्यथित लोकतंत्र….
बधाई, राहुल जी ! परंतु बचकानी हिंदी से बचते हुए उचकानी हिंदी में आइये । आपने लालू जी को फिर MP बनने नहीं दिए और विधेयक को फाड़ डाले ।
वहीं अय्यर के मणि (विष) को शंकर तक ले चले गए… ये दम तो दिखाया आपने, किन्तु 2019 क्या 2024 तक तो चट्टान है आपके आगे, आप पत्थर हैं, चट्टान के सामने टिक नहीं पाएंगे !
अपने पार्टी को भ्रष्टाचारमुक्त तो कीजिये, राहुल जी ! हाँ, कथित ब्राह्मण बन जनेऊ धारण कर विदेश प्रवास चले जाने पर भारत का क्या भला होगा, इसलिए व्यथित शूद्र बनिये, राहुल जी । …. हाँ, शेष को लेकर आपके भविष्य के लिए शुभमंगलकामनाएँ !
संभालिये खानदानी पद को, क्योंकि लोकतंत्र गायब होते जा रहा, आपके यहाँ ! क्योंकि 6ठा कांग्रेस अध्यक्ष भए आप अपने खानदान से…… जय हो, राहुल बाबा !