बोधकथा

संसद भी मंदिर है

लोकतंत्र के मंदिर पर हमला नापाक और आपराधिक कृत्य। भारतीय संसद पर 13 दिसम्बर 2001 को सत्र की कार्यवाही के समय ही आतंकी व रक्तपिपासु घुसपैठियों ने दनादन गोलियां चलाये थे, जिनमें कई संसद-कर्मी हताहत हुए थे । ध्यातव्य है, तब लगभग 100 माननीय सांसद वहाँ उपस्थित थे, किन्तु सभी बाल-बाल बच गए । यह लोकतंत्र के मंदिर पर हमला था । हमारी सुरक्षा व्यवस्था काफी मज़बूत होनी चाहिए, सिर्फ राजनेताओं को ही Z सुरक्षा क्यों ? संसद के साधारण कर्मी ने एतदर्थ लड़कर और शहीद होकर संसद ‘से मंदिर और सांसदों की जान बचाये ! इन शहीदों के प्रति हम नतमस्तक हैं, उन्हें सैल्यूट है हमारा ! उनके परिवार के प्रति हमारी अनंत संवेदनाएँ !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.