प्रभु से बड़ा है प्रभु का नाम
सिर नवा लो प्रभु के धाम।
कोमल किश्ती पार करेंगे
हम सबके प्यारे प्रभु राम।
मत देखो क्या खोया तुमने
सोचो तुमने क्या पाया।
इस जगती के हेर-फेर में
कितना जीवन व्यर्थ गंवाया।
मन-मंदिर की विचार ग्रंथि को
अर्पण कर दो प्रभु के नाम।
कोमल किश्ती पार करेंगे
हम सबके प्यारे प्रभु राम।
झूठा है ये भौतिक प्रेम
प्रभु प्रेम ही सच्चा प्रेम।
प्रभु से अपनी लौ लगा लो
जीवन नैया पार करा लो।
घट घट वासी हैं बनवासी
दो कर जोर करो प्रणाम।
कोमल किश्ती पार करेंगे
हम सबके प्यारे प्रभु राम।
मुख से किया प्रभु का वर्णन
जीवन सौंपा प्रभु चरणन।
अंत समय न पछताया
प्रभु को अपने सम्मुख पाया।
आत्मा को मिली सुगति
संस्कारित फिर जीवन धाम।
कोमल किश्ती पार करेंगे
हम सबके प्यारे प्रभु राम।
— निशा नंदिनी भारतीय