गीत/नवगीत

दिखा दे शक्ति का अवतार है तू

दिखा दे शक्ति का अवतार है तू

हे नारी उठ
उठा ले भाल,कृपाण,त्रिशूल
बन जा रणचङी,दुर्गा,भवानी
अब तेरी है बारी
तुझे स्वयं लेना है प्रतिकार
नही है तू अबला
बन जा सबला
दिखा दे शक्ति का अवतार है तू!!!

चारो दिशाओ मे दुर्योधन दुशासन घूम रहे
मूक बना देख रहा संसार
तेरी अस्मिता जार जार हो रही
अब न आएगे सुदर्शनधारी
तुझे स्वयं लेना है प्रतिकार
नही है तू निर्बल
बन जा प्रबल
दिखा दे शक्ति का अवतार है तू !!!

मानव बन गया है दानव
नरभक्षी भेड़िया घूम रहे गली गली
जिस्म को नोच रहे,निवस्त्र उठा कर फेंक रहे
कब तक सीता द्रौपदी रूप मे घाव सहेगी
अब नही मिलेगा न्याय
तुझे स्वयं लेना है प्रतिकार
नही है तू याचक
बन जा रक्षक
दिखा दे शक्ति का अवतार है तू !!!

— प्रियंका पांडेय त्रिपाठी

प्रियंका त्रिपाठी

BSc(Maths),DCA,MCA,BEd शाह उर्फ पीपल गाँव IIIT Jhalwa प्रयागराज उत्तरप्रदेश