रीढ़, हृदय और आत्मा
7 दिसम्बर को हर भारतीय
प्रति वर्ष
‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस’
मनाते आ रहे हैं ।
वैसे घोड़े, शिक्षक और सैनिक
कभी रिटायर्ड नहीं होते हैं,
तथापि शहीद सैनिकों के परिवार को
आर्थिक सहयोग देने के उद्देश्य से
ऐसे दिवस पर
सरकारी स्तर के
शहीद और भूतपूर्व सैनिक कोष में
उदारतापूर्वक दान कर
अपनी अभूतपूर्व कर्मण्यता का
परिचय दीजिये ।
मैंने भी किया है
और मेरे परिवारवाले भी ।
क्या आपने और आपके परिवार के
अन्य सदस्य भी
ऐसा किये हैं,
नहीं तो सोचिये मत ?
कोई पिछले ‘मन की बात’ में
माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी
इस संबंध में आह्वान किये थे ।
सैनिक बंधु तो हम भारतीयों के
रीढ़, हृदय और आत्मा हैं ।