गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

गलत राहों पर कदम बढ़ाना नही
कोई बुलाये मगर फिर भी जाना नही

पास किसके है क्या देखते है सभी
बंद मुट्ठी इसे खोल दिखाना नही

झूठ कह दो उससे झुका के नजर
उससे कहो के आँखे मिलाना नही

पेड़ चंदन के लोग काट लेते सभी
सीधे सादो का अब ये जमाना नही

बात हमेशा बड़ो की मुझें याद रही
कभी मेहनत से जी चुराना नही

मंजिल दूर है अभी तो चलते रहो
हार कर बैठ कहीं पर जाना नही

माँ के कदमों तले जहां रख दो तुम
माँ का दिल कभी भी दुखाना नही

— शिवेश हरसूदी

शिवेश हरसूदी

खिरकिया, जिला हरदा (म.प्र.) मो. 8109087918, 7999030310